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विशिष्ट उपलब्धियाँ

1-पूर्व प्राथमिक स्तरीय बच्चों हेतु पाठ्यपुस्तक चहकका विकास

                राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में राज्य हिन्दी संस्थान, उ0प्र0 वाराणसी द्वारा प्री-प्राइमरी (3 से 6 वर्ष) बच्चों हेतु पाठ्यसामग्री, पोस्टर, लर्निंग ऑउटकम, शिक्षण संग्रह, बिगबुक, एक्टिविटी शीट का विकास किया गया है। यह सामग्री बालकेन्द्रित तथा गतिविधि आधारित है। इसकी सहायता से  बच्चे आनन्ददायी वातावरण में कविता-कहानी सुनने-सुनाने, खेल-खेल में बातचीत करते हुए सक्रिय भागीदारी के साथ सीखने की ओर अग्रसर होंगे। पूर्व प्राथमिक स्तर के बच्चों हेतु विकसित हिन्दी भाषा की पुस्तक चहक (भाग-1, 2 एवं 3) का विमोचन माननीय बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री, उ0प्र0 द्वारा जून 2023 में किया गया। वर्तमान में यह पाठ्यसामग्री आँगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के पठन-पाठन के लिए प्रयोग की जा रही है।

चहक भाग-1, 2 एवं 3 का लिंक- https://drive.google.com/drive/folders/1kvOgQeLsBQq1hA8AXrf21Dbixaldzyrw?usp=sharing

2-बौद्धिक एवं मानसिक रूप से दिव्यांग (कक्षा- 1 से 5 तक) बच्चों हेतु हिन्दी पाठ्यपुस्तक का विकास

                बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों के दैनिक व सामाजिक व्यवहार सामान्य बच्चों से अलग होते है। उनके सीखने की क्षमता सामान्य वय वर्ग के बच्चों से धीमी होती है। ऐसी स्थिति में बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत इन बच्चों को विद्यालयी शिक्षा से जोड़ना सामान्य बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों एवं शिक्षकों के लिए उपयोगी है। बौद्धिक दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इस पाठ्यपुस्तक का विकास किया गया है।

अवसर 1-5 लिंक- https://drive.google.com/drive/folders/11tu_ZbORB3bOGaQDcTFw2h9FfswPy-00?usp=sharing

3-मूल्यबोध एवं नैतिकता आधारित प्रशिक्षण साहित्य का विकास

        विद्यालयी शिक्षा का उद्देश्य बच्चों में विषयों के साथ-साथ नैतिकता का विकास भी है। इसके दृष्टिगत बच्चों में प्रारम्भिक स्तर से ही मूल्यबोध एवं नैतिकता के विकास हेतु वर्ष 2016-17 में  राज्य हिन्दी संस्थान, उ0प्र0, वाराणसी द्वारा मूल्यबोध एवं नैतिकता आधारित प्रशिक्षण साहित्य का विकास किया गया। प्रदेश स्तर पर विद्यालयी शिक्षा के साथ मूल्यबोध एवं नैतिकता विकास हेतु यह प्रथम प्रशिक्षण साहित्य है। परिषदीय विद्यालयों में प्रचलित उच्च-प्राथमिक स्तर की हिन्दी एवं संस्कृत की पाठ्यपुस्तकों में समाहित मानवीय मूल्यों की समझ बच्चों में सम्प्रेषित करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। उक्त प्रशिक्षण साहित्य पर आधारित शिक्षकों का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कराया जा चुका है।

लिंक- https://drive.google.com/file/d/1XSvFbq3GpMx-Tjxrz46qxBTqIg7GJ-VK/view?usp=sharing

4-हिन्दी एवं संस्कृत की पाठ्यपुस्तकों (कक्षा-6 से 8) का विकास एवं उनमें समाहित क्यू0आर0 कोड हेतु डिजिटल सामग्री का विकास

                हिन्दी एंव संस्कृत विषय की पाठ्यपुस्तकों का विकास एवं उनमें समाहित क्यू0आर0 कोड के लिए ऑडियो एवं वीडियो रूप में सामग्री का विकास किया गया है। शिक्षकों को कविता-शिक्षण में सहायता हेतु चित्रात्मक एवं गेयतायुक्त वीडियो का समावेशन है। पाठ्यपुस्तक में सम्मिलित गद्य पाठों का आरोह-अवरोह के साथ वाचन, व्याकरणिक पक्षों एवं अभ्यास प्रश्नों पर वीडियो का निर्माण किया गया है। इन क्यू0आर0 कोड को स्कैन करके सामग्री को देखा एवं सुना जा सकता है।


5-कला समन्वित संस्कृत-भाषा किट का विकास

                राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की संस्तुति के क्रियान्वयन हेतु प्रारम्भिक कक्षाओं में संस्कृत शिक्षण को प्रभावी एवं आनन्ददायी बनाने तथा नवीन एवं नवाचारी शिक्षण कौशलों से जोड़ने के लिए राज्य हिन्दी संस्थान, उ0प्र0, वाराणसी  द्वारा कला समन्वित संस्कृत भाषा-किट की सामग्री का विकास वर्ष- 2022-23 में किया गया। इस किट निर्माण एवं प्रयोग-विधि आधारित राज्य स्तरीय सन्दर्भदाता वर्ष 2023-24 में प्रशिक्षण तथा जनपद स्तरीय प्रशिक्षण प्रत्येक डायट पर शिक्षकों को दिया गया। उक्त प्रशिक्षण में शिक्षकों  को संस्कृत भाषा-किट का प्रयोग करने के साथ-साथ इसकी निर्माण-विधि की सिखाई गयी जिससे शिक्षक संस्कृत-किट बनाकर कक्षा-कक्ष में प्रयोग कर सकेंगे। संस्कृत किट के अन्तर्गत विकसित की गयी पाठ्य सामग्री अत्यन्त रोचक, कलात्मक एवं आकर्षक है। सभी सामग्री गतिविधि आधारित है। सामग्री का प्रयोग करते समय कक्षा-कक्ष में सभी बच्चों को इसे देखने छूने तथा गतिविधि करने का अवसर प्राप्त होगा, जिससे बच्चे संस्कृत भाषा सीखने के लिए प्रेरित होंगे। कला समन्वित संस्कृत भाषा-किट का विमोचन माननीय मुख्यमंत्री, महोदय, उ0प्र0 द्वारा 19 जुलाई 2023 को किया गया। संस्कृत भाषा-किट आधारित मॉड्यूल निर्माण एवं प्रयोग-विधि की वीडियो भी बनायी गयी है। ये सभी वीडियो शिक्षकों के साथ साझा किया जा रहा है।

लिंक -https://drive.google.com/file/d/1v0StgksGA2nxNlh6u6-Mb74MMa-y7WRz/view?usp=sharing

6-उच्च प्राथमिक स्तरीय हिन्दी विषय आधारित उपचारात्मक शिक्षण संदर्शिका, कार्यपुस्तिका एवं प्रशिक्षण मॉड्यूल का विकास

                राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है। परिस्थितिजन्य विभिन्न कारणों से बच्चों में सीखने की अपेक्षित दक्षताएँ विकसित नहीं हो पाती हैं, इसके दृष्टिगत राज्य हिन्दी संस्थान,उ0प्र0 वाराणसी द्वारा उच्चप्राथमिक स्तर के (कक्षा 6, 7 एवं 8) बच्चों में अपेक्षित भाषायी कौशलों के विकास के लिए शिक्षकों हेतु ‘शिक्षक संदर्शिका‘ बच्चों के लिए कार्यपुस्तिका एवं शिक्षकों को प्रशिक्षित करने हेतु ‘दक्ष‘ मॉड्यूल का विकास किया गया है। उक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल पर आधारित राज्य स्तरीय एवं जनपद स्तरीय प्रशिक्षण कराया जा चुका हैै। वर्तमान में बच्चों के लिए विकसित कार्यपुस्तिकाएँ विद्यालयों में प्रयोग की जा रही हैं।

लिंक -https://drive.google.com/drive/folders/1XXmMQhZGGtBMvG6eltI7BleR_cbP9fo1?usp=drive_link

7-राजकीय एवं सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु प्रज्ञानम्प्रशिक्षण साहित्य का विकास

                प्रदेश के राजकीय एवं सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में प्रभावी कक्षा-शिक्षण हेतु प्रथम बार ‘प्रज्ञानम्’ प्रशिक्षण साहित्य विकसित किया गया। प्रशिक्षण साहित्य में संस्कृत के परम्परागत शिक्षण में नवाचारी गतिविधियों, क्रियाकलापों सम्बन्धी युक्तियों को सम्मिलित किया गया है। उक्त प्रशिक्षण साहित्य पर आधारित राज्य स्तरीय सन्दर्भदाता प्रशिक्षण वर्ष 2023-24 में कराया जा चुका है।

लिंक - https://drive.google.com/file/d/1tVBXlhpMW6Wp1b-hADQZuaxWs5pLsS5u/view?usp=sharing

8-हिन्दी व्याकरण (माध्यमिक स्तरीय) प्रशिक्षण साहित्य का विकास

                छात्रों में व्याकरण की समझ को सहज, सरल एवं बोधगम्य बनाने हेतु 2023-24 में हिन्दी व्याकरण माध्यमिक स्तरीय प्रशिक्षण साहित्य का विकास राज्य हिन्दी संस्थान उ0प्र0 वाराणसी द्वारा किया गया। इस प्रशिक्षण साहित्य का मुख्य उद्देश्य व्याकरण की विभिन्न अवधारणाओं यथा-अनुस्वार, अनुनासिक, संयुक्ताक्षर, संधि, समास, शब्द सम्पदा, मुहावरे व लोकोक्तियाँ, विराम चिह्न, पत्र लेखन, काल परिचय, समास, अव्यय, क्रिया विशेषण, वचन, लिंग, व शुद्ध वर्तनी एवं मानक अंक, उपसर्ग एवं प्रत्यय की छात्रों में समझ विकसित करना है। इस प्रशिक्षण साहित्य में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से व्याकरण की अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है उक्त साहित्य पर आधारित माध्यमिक विद्यालयों के हिन्दी शिक्षकों का ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रशिक्षण कराया जा चुका है।

लिंक - https://drive.google.com/file/d/1wn-6tDMlpus4io3D3Oy0liEGagh7q2zL/view?usp=sharing

9-पुस्तकालय का प्रभावी उपयोग एवं पढ़ने की आदत के विकास हेतु प्रशिक्षण सामग्री का विकास

                बच्चों में पढ़ने की संस्कृति एवं विद्यालयों में पुस्तिकालय का प्रभावी उपयोग हेतु प्रशिक्षण सामग्री का विकास सत्र 2022-23 में किया गया है। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल पर आधारित पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण दिसम्बर 2022 में कराया गया, जिसमें प्रत्येक जनपद से एक डायट प्रवक्ता, पाँच प्राथमिक तथा पाँच उच्च-प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से डायट प्रवक्ता परिषदीय विद्यालयों में अनुश्रवण के दौरान पुस्तकालय के प्रभावी उपयोग हेतु अनुसमर्थन करेंगे तथा शिक्षकों को पुस्तकालय के प्रभावी उपयोग हेतु युक्तियाँ सुझा सकेंगे।

लिंक - https://drive.google.com/file/d/1nH27Dh_mPG_O--_CJxbMXoE6NcC7Uq76/view?usp=sharing

 10-टी0एल0एम0 का संकलन कर अभिनव प्रयोग नामक पुस्तिका का संपादन

                शिक्षण अधिगम सामग्री (टी0एल0एम0) द्वारा कठिन प्रकरण का शिक्षण रोचक और सरल तरीके से किया जाता है, जिससे बच्चे सहजता से सीखते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कक्षा शिक्षण में गतिविधि व सहायक सामग्री के प्रयोग पर बल देती हैै। उक्त के दृष्टिगत राज्य हिन्दी संस्थान द्वारा माध्यमिक कक्षाओं में हिन्दी शिक्षण करने वाले शिक्षकों हेतु टी0एल0एम0 निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उक्त प्रतियोगिता में उत्कृष्ट पाये गये टी0एल0एम0  के निर्माण एवं प्रयोग विधि का संकलन अभिनव प्रयोग पुस्तिका के रूप में किया गया है। इसकी सहायता से शिक्षक सरलता से भाषा शिक्षण हेतु टी0एल0एम0 का निर्माण कर सकते है।

लिंक - https://drive.google.com/file/d/1r7sCHcXxhso9fBt3gBjCKFTXSFxwnUgR/view?usp=sharing